इश्क
इश्क
तुम्हारे बिन हमें कहाँ चैन आया है,
तेरे आने से महफ़िल मे नूर आया है,
मुश्किलों ने हमें बहुत आजमाया है,
चाहत का दिल पर सुरूर छाया है,
क्या यही प्यार या प्यार का फ़साना है,
आँखों से इश्क़ इस कदर फरमाना है,
हम दिल लगाने की खता करते हैं,
इस तरह मुहब्बत अदा करते हैं।
