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कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance

3  

कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance

इश्क नगरी

इश्क नगरी

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एक इश्क नगरी की वादी थी,

जहाँ प्यार की नदियाँ बहती थी,

कुछ दिल-वाले भी रहते थे,

जो प्यार की बातें करते थे,

जब बहार का मौसम आता था,

और फूल प्यार के खुलते थे,

मस्त-नशीली रातों में,

प्यार से दो दिल मिलते थे,

एक रोज वो बस्ती बिखर गयी,

और प्यार की बस्ती उजड़ गयी,

और फिर हर दिल को शॉक लगा,

और जीवन भर का रोग लगा,

दीवाने फिरते रहते है,

और हर एक से पुछा करते है,

इकरार किसी से तुम ना करना,

तुम प्यार किसी से ना करना!!

जमाना मिलने नहीं देता 

करता वो खुद भी है


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