इश्क मोहब्बत मैं क्या जानूं
इश्क मोहब्बत मैं क्या जानूं
इश्क़-मोहब्बत मैं क्या जानूँ ?
मैं तो सिर्फ़ आराधक हूँ..!!
ईष्ट मैं तेरे दर पर आया,
तेरा ही उपासक हूँ..!!
मेरी प्रीत न जाने कोई
शब्दों के जंजाल से..!!
सभी फँसे पड़े बस,
प्रेमी माया जाल से..!!
शुभम आनंद मनमीत

