इश्क में दाग है
इश्क में दाग है
मैंने उससे प्यार किया
उसने मुझे धोखा दिया
प्यार का भी क्या खूबसूरत
उसने मुझे तोहफा दिया
मैं उसके सपने सजाए
उसने नींदो को भी चुरा लिया
प्यार ही तो किया था ना
आखिर कौन सा गुनाह किया
मैंने उसके लिए अपना
सब कुछ छोड़ दिया पर
उसने किसी गैर के खातिर
मुझे ही तोड़ दिया
अब मैं उसे भुला दूंगा
लेकिन वह मुझे याद करेगी
अब आंसू उसके गिरेंगे
जब तनहाइयों में आहें भरेगी
मेरे दिल में अब तू नहीं
कुछ कर दिखाने की आग है
जा बेवफा तेरा चेहरा खूबसूरत
पर तेरे इश्क में ही दाग है