इस दुनिया के पार
इस दुनिया के पार
इस दुनिया के
पार
कौन सा संसार है
जहां मिलता प्यार है
जहां मिले अपने बिछड़े सभी
लगता खुशियों का मेला
और दिलों का न होता व्यापार है
जब मैं वहां पहुंचूंगी तो
मेरे अपने कहां मिलेंगे
एक घर में
सब एक साथ या
अलग अलग
वह भी वहां
एक दूसरे से बिछड़े हुए
उनकी शक्ल वही होगी या
कुछ बदली हुई
मिलने पर
क्या मैं उन्हें पहचान लूंगी और
क्या वह मुझे
खुश होंगे क्या वह
मुझे अपने करीब पाकर
मैं तो यकीनन
बहुत खुश हो जाऊंगी
अपनों को देखकर
अपनाहट के अहसास से भर
जाउंगी
मिल जायेगी मुझे तो मेरी
खोई हुई जागीर
गरीब से मैं एक बार फिर
धन्य और धनवान हो
जाऊंगी।
