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Mayank Kumar 'Singh'

Classics

5.0  

Mayank Kumar 'Singh'

Classics

इंतज़ार

इंतज़ार

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मोहब्बत है तो देख ले उन नजरों से भी,

मैं कब से खड़ा हूं उसी बरसात में !


जब तुम गई थी वादों के गुलदस्ते के साथ,

तब से वादों को ही यकीन समझ।


भीग रहा हूं उसी बरसात में।


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