इंतज़ार
इंतज़ार
मोहब्बत है तो देख ले उन नजरों से भी,
मैं कब से खड़ा हूं उसी बरसात में !
जब तुम गई थी वादों के गुलदस्ते के साथ,
तब से वादों को ही यकीन समझ।
भीग रहा हूं उसी बरसात में।
मोहब्बत है तो देख ले उन नजरों से भी,
मैं कब से खड़ा हूं उसी बरसात में !
जब तुम गई थी वादों के गुलदस्ते के साथ,
तब से वादों को ही यकीन समझ।
भीग रहा हूं उसी बरसात में।