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V. Aaradhyaa

Romance Classics Fantasy

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V. Aaradhyaa

Romance Classics Fantasy

इन आँखों में रतजगा रहने दो

इन आँखों में रतजगा रहने दो

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बड़ी मुश्किल से मिलता है कोई महबूब,

इश्क हुआ है तो इसे इसे इश्क ही रहने दो !


वक़्त की घड़ियों को ज़रा कीलों पर टांग दो;

साथ के उन लम्हों को ज़रा आज़ाद रहने दो !


प्रियतम के प्रेम से भीगे भीगे एहसासों को,

अपने ह्रदय में सहेज़कर वो जज़्बात रहने दो !


ज़ब बढ़ा लिया है मोहब्बत की राह में कदम,

तो, अब कोई क्या सोचेगा यह सब रहने दो !


आपके चेहरे पे इब खुमारी सी नज़र आती है;

अब बहुत हुआ हुज़ूर, आँखों में रतज़गा रहने दो !


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