इजाज़त
इजाज़त
तुम आज जाने की इजाज़त दे दो ,
ये दिल किसी और का हो चला है ,
बेवफाई नहीं है ये कहीं से भी ,
बस एक वादे का ये रहनुमा है.
उसने बुलाया है हमे बड़े प्यार से ,
कहने को अपना हाल~ए~दिल संभाल के ,
हम तेरी इजाज़त के मोहताज बन गए ,
उसके इशारों से लाचार बन गए.
इजाज़त माँगने की सलाह उसने दे दी ,
पर मेरा हाथ थामने में निगाहें फेर लीं ,
हम फिर भी इस कदर उसपर मेहरबाँ हैं ,
कि एक बार मिलने की तलब से परेशाँ हैं.
तुम गर आज हमे इजाज़त दे दोगे ,
तो तमा उमर हमे पा के हँसोगे ,
पर जो ना दे सके तुम आज इजाज़त ,
तो हमे खोके हमसे से ही नफरत करोगे।
उसका समझना मेरा समझाना ,
बन ना जाए कहीं कोई और अफसाना ,
तेरी इजाज़त से ये दिल ना फिसलेगा ,
बना देंगे हम भी कोई झूठा बहाना।