ईश्वर हमें देख रहा है
ईश्वर हमें देख रहा है
ईश्वर की नजर से बच कर कहां जाओगे
जहां जाओगे वहां ईश्वर को पाओगे
क्योंकि कण-कण में बसा है ।
जो तुम्हारे मन पर अनुचित काम करने की और पाप करने की इच्छा जागृत है
तो तुम्हारे मन पर झूठ का पर्दा पड़ा है
जिस दिन पर्दा उठेगा तुमको तुम्हारे कर्मों का फल मिलेगा ।
तब तुमको पता लगेगा
ईश्वर की माया कितनी जोरदार है।
यहां के फल यही दे देती है।
तुम्हारे छिपे हुए कारनामे देख लेती है।
हमेशा अगर मन में अपने यह ख्याल रखेंगे ऊपरवाला देख रहा है। तो हम अनुचित करने से बचेंगे।
और सच्चाई के रास्ते पर चलेंगे।
अपने परिवार और अपने बच्चे को भी सही शिक्षा देंगे तो वो भी आपका आदर्श बनेंगे।
और आप अपनी जिंदगी सुकून से जिएंगे।
ईश्वर का वास प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सब जगह पाएंगे।
क्योंकि कोई हमें देख रहा है।
ईश्वर एक जासूस है जो हमें हर काम करते हुए देखा है।
इसीलिए बुरे काम करने से बचें और जिंदगी को अच्छी तरह से सुकून से जियो। कण-कण में ईश्वर व्याप्त है उसकीहाजरी को तुम ना नकारा करो।
जिंदगी में अच्छे काम करो।
ईश्वर की बही खाते में सब लिखा है।
इसीलिए गीता में कहा है
कर्म किए जा फल की इच्छा मत कर इंसान यह तो अपने आप भगवान दे ही देते हैं।
क्योंकि वह हमें देख रहे हैं।
बच्चों को बचपन से ही सिखाया जाता है कि कोई हमें देख रहा है।
इसलिए बुरे काम मत करो मगर बुरे काम करने वाले बचपन की शिक्षा को भूल जाते हैं।
जब याद आती है तब बहुत देर हो जाती है।
जब ऊपर वाले की लाठी पड़ती है तब सब याद आ जाता है।
और अपनी अकल ठिकाने आ जाती है।
पर पछतावा करने से क्या जब चिड़िया चुग गई खेत अब पछताए क्या होत है।
