हवा का रूख
हवा का रूख
हवाओं ने अपना रूख मोड़ लिया है
देखकर उनके भींगे भींगे से अंदाज।
किश्ती सवार नाविक को हुआ अहसास।
उसकी दशा और दिशा ही बदल गई है।
चप्पू चलाए जा रहा वह आकुल बेहिसाब
उसको देख समझा, हवा का रूख सही
होना बहुत जरूरी है जनाब, तभी सफल आप।

