हसरतें
हसरतें
दिल की हसरतों का
गुबार यूँ मचलता है,
तेरी हर आहट पे मेरा
दिल ये धड़कता है,
हर लम्हा हर घड़ी तेरे
दीदार को तरसता है।
जो तू आ जाये अगर सामने तो,
चाहतों का दरिया बनके बरसता है ।
होंठों पे रूबाइयाँ सजती है और,
दिल मेरा नगमें सुनाता है।
देख लूँ जो तेरी एक झलक,
दिल का पैमाना छलक जाता है।
उसकी नज़रें ढूँढती है मुझे,
और मेरा दिल मचल जाता है।
कब तलक सिर्फ अहसासों में
यूँ ही जीते रहेंगे,
दिल को मेरे है यकीं
कभी न कभी कहीं तो मिलेंगे।
और सारे जमाने में हमारी
हसीन मुहब्बत के तराने बनेंगे।

