Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

हसीन गुनाह।

हसीन गुनाह।

1 min
435


हसीन गुनाह हमने नहीं करना है, 

प्यार दोबारा कभी नहीं करना है। 


प्यार हमारे लिए बदकिस्मत सदा, 

प्यार में हर बार धोखा दग़ा मिला। 


प्यार करना लगता है ख़ूब आसान, 

बेदर्द ज़माना कहता हसीन गुनाह। 


हसीन गुनाह एक बार हमने किया, 

तन-मन सबकुछ था अर्पण किया। 


प्यार हमेशा ऐसे जैसे किया गुनाह, 

दोस्तों ने संभाला और दी है पनाह।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract