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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

हसीन गुनाह।

हसीन गुनाह।

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हसीन गुनाह हमने नहीं करना है, 

प्यार दोबारा कभी नहीं करना है। 


प्यार हमारे लिए बदकिस्मत सदा, 

प्यार में हर बार धोखा दग़ा मिला। 


प्यार करना लगता है ख़ूब आसान, 

बेदर्द ज़माना कहता हसीन गुनाह। 


हसीन गुनाह एक बार हमने किया, 

तन-मन सबकुछ था अर्पण किया। 


प्यार हमेशा ऐसे जैसे किया गुनाह, 

दोस्तों ने संभाला और दी है पनाह।


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