हर रंग कुछ कहता है
हर रंग कुछ कहता है
हर रंग कहता है कुछ हमसे समझो रंगों की भाषा,
सोचो अगर रंग न होते तो जीवन हमारा होता कैसा,
रंग एक ऊर्जा है भाव है अभिव्यक्ति है एक एहसास है,
जीवन का हर रंग अपने आप में महत्वपूर्ण और खास है,
लाल,गुलाबी,काला,नीला,पीला कुछ गहरे कुछ फीके रंग,
शीतलता झलकती है इन रंगों से जीवन चलता इनके संग,
कभी सुख तो कभी दुख के रंगों में सराबोर जिंदगी हमारी,
स्वयं को व्यक्त करते हम रंगों से ये रंग होते पहचान हमारी,
खूबसूरत रंगों से भरा जीवन हमारा हर रंग जी लो जी भर,
रूठा कोई तो मना लो चढ़ा दो प्यार का गहरा रंग उस पर,
भरो रिश्तों की मिठास में ऐसा पक्का रंग फीका ना हो पाए,
विश्वास का रंग हो इसमें तो प्यार का रंग और गहरा हो जाए,
हंसना, रोना, रूठना, मनाना, प्यार, दोस्ती,सुख-दुख का आना,
इन रंगों से रंगीन करो दुनिया अपनी सीख लो हर रंग में जीना,
रंग न जाने कोई छोटे बड़े का भेद रंग न जाने कोई जात-पात,
होली का पावन पर्व जीवन में लेकर आता रंगों का उल्लास,
होली तो एक बहाना है परस्पर मेल मिलाप का रिश्तो में मिठास का,
होली का रंग तो मिट जाएगा पर मिट न पाएगा चढ़ा जो रंग प्यार का,
हर रंग जीना सिखाते हमें रंगों से ही तो हर ख़्वाब सजता है,
समझो इन अद्भुत रंगों की भाषा हर रंग हमसे कुछ कहता है।
