हर कुत्ते के दिन आते हैं
हर कुत्ते के दिन आते हैं
माना कि
तुम हो सशक्त बड़े
प्रकृति की राहों में रहे सदा अड़े।
जो कुछ उठता है ऊपर
आख़िर नीचे ही आ गिरता है
नियम अटल यह बोलो कैसे भूल चले !
परिवर्तन प्रकृति की रीत रही,
कल तुम थे मुझ पर भारी
अब मेरी तैयारी
हर कुत्ते के दिन आते हैं
ये कैसे तुम भूल चले !!