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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

हर ख्वाहिश पूरी होगी

हर ख्वाहिश पूरी होगी

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जिंदगी में हर ख्वाहिश होगी पूरी है

मेहनत की बन जा साखी तू धुरी है

हर जगह पे तेरा गाना बजता होगा,

खुद को लगा पहले कर्म तू सिंदूरी है।


सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है,

स्वप्न में जीना भी अच्छी बात नहीं है,

वर्तमान की खाता रहता यहां पूड़ी है

वो स्वप्न-यथार्थ की खत्म करता दूरी है।


जिंदगी में गर तुझको कुछ पाना है,

पहले खुद में बहुत बदलाव लाना है,

तेरी हर शाम यहाँ बनेगी कोहिनूरी है

जब खुद में होगा बदलाव जुनूनी है


यूँ हर बार सहायता की भीख मांगने से,

न मिलेगी तुझे कभी सफ़लता बूंदी है

उनको मिलती मंजिल ए जन्नत नूरी है

जिनके इरादों में होती जुनूँ आग पूरी है


वो जीत के पास जाकर भी हार जाते हैं,

जिनके इरादों में होती कोई कमजोरी है

हर ख्वाहिश को गर तुझे पूरा करना है,

भीतर का दीप जरूर प्रज्वलित करना है


वो ही मिटाते तम की रात अंधियारी है

जिनके पास जलती कर्मअग्नि पुरानी है

वो ही देते यहाँ अपने ख्वाबों को गति है

जिनके पास खुद की ख़ुदी की शक्ति है


उनके ही सारे ख़्वाब साकार होते है,

जो विपरीत लहरों में भी खड़े होते है,

उनकी जहां में हर ख्वाहिश पूरी होती है

जिनके इरादों में वाकई में जान होती है


वो हकीकत बना पाते, ख़्वाब सुनहरी है

जिनकी रगों में बहती श्रम-बूंदे गहरी है।


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