हर बात पे तेरी
हर बात पे तेरी
हर बात पे तेरी, हमने कुछ यूँ ऐतबार कर लिया,
हर राज़ को अपनी, हमने सर-ए-बाज़ार कर लिया ।
हर बात पे तेरी, हमने कुछ यूँ ऐतबार कर लिया,
हर राज़ को अपनी, हमने सर-ए-बाज़ार कर लिया ।