होली के रंग
होली के रंग
होली के रंग
भारतीय संस्कृति की है पहचान व परंपरा,
सदियों से गंगा-जमुना की तरह बह रही लगातार।
हर ऋतु ,हर सुबे में अपना अनोखे त्योहार,
भलेही हो मनाने का अंदाज हर जगह न्यारा।
दुनिया दारी में हो जाए भलेही कोई आपसी तकरार,
लेकिन त्योहार माने खुशी और आपसी प्यार।
धर्म-संप्रदायों में भलेही हो कभी मनभेद और मनमुटाव,
त्योहारों से ही मिट जाता है देशवासियों का टकराव।
फिर देशवासियों में बनता हैं आपसी जुडाव,
अपने आपही मिट जाता था आपसी तनाव।
देशी त्योहार है देशवासियों की आमसहमती,
किसी धर्म और ठेकेदारों की नहीं निजी संपत्ती।
इसे मनाने में नहीं होनी चाहिए कोई आपत्ती,
क्योंकि धर्म-संप्रदाय की नहीं हैं त्योहार कोई बपोती ?।
संस्कृति में सभी पर्व याने खुशियां और भाईचारा,
त्योहारों से भरा, ये देश है अनोखा, प्यारा व न्यारा।
देशवासियों का मिलकर रहने का हैं सदियों से करार,
लेकिन इस देश में कहां से आये हैं ये नामि फकिर।
गंगा-जमुना तहजिब में इन नेताओं ने डाली दरार,
धर्म के आधार पर जिन्होने खिची दिल में नफरत की दिवार।
फर्जि फकिरों ने बांटे मजहब के नाम पर त्योहार,
आज हिल गया देशवासियों का भाईचारा व जमिर।
आज भाई-भाई से नहीं कर सकता खुशि का इजहार,
इन नामि फकिरों ने भाई को भाई से किया दरकिनार।
सूर्य के प्रकाश की तरह है सभी त्योहार,
लेकिन वो है सात रंग का प्राकृतिक उपहार।
धर्म-संप्रदाय के हो सकते अपने –अपने रंगों के त्योहार,
मिलकर मनाने से देशवासियों का बढाता सिर्फ प्यार।
होली और अन्य पर्व है विभिन्न रंगों का सागर,
समानता, बंधुत्व, देशप्रेम की है अनोखी डगर।
आओ सभी मिलकर मनाते होली पर्व एक होकर,
अपने मनभेद, मतभेद, धर्मिक विवादों की होली जलाकर।
