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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"हनुमत भक्त"

"हनुमत भक्त"

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हनुमत तेरी भक्ति मिली ऐसी, हम दीवाने हो गये

भूल गये सबकुछ, न जाने कितने ज़माने हो गये

न रही सुधि इस तन की, न सुधि रही इस मन की,

हम तो तेरे भक्त हनुमानजी बरसो पुराने हो गये


जपते रहते आठो प्रहर हम तो हनुमान चालीसा,

तेरी भक्ति में बीते पल बाला बड़े सुहाने हो गये

हनुमत तेरी भक्ति मिली ऐसी, हम दीवाने हो गये

अपनी ही धुन में रहते है, हम मस्त गाने हो गये


पीते रहते है, हर लम्हा बाला तेरी भक्ति का प्याला,

तेरी भक्ति में मिला वो आनंद, स्वर्ग पुराने हो गये

जब भी कोई संकट दुनिया का हमको सताता है,

संकट मोचन पाठ से हर गम उड़ते बहाने हो गये


हमें नहीं है, डर जरा भी इस दुष्ट पागल दुनिया में,

बजरंग बाण के पाठ से, हर डर अनजाने हो गये

उठते-जागते, सोते-बैठते, बाला तू ही तू दिखता है,

तेरी भक्ति से तम भी उजाले के परवाने हो गये


सिर्फ तुम चेहरे हमारे लिये जाने-पहचाने हो गये

हर पल करुणामय बालाजी, भक्ति वर्षा बरसाना,

तेरी भक्ति के प्यासे पपीहे नाचते-गाते हो गये

तेरे कारण बाला मुरझाये चेहरे मुस्कुराते  

हो गये


हर पल तेरा नाम लेता रहूं, तेरी भक्ति में लीन रहूं,

हम तो तेरे दर के भिखारी जाने-पहचाने हो गये

तेरी याद में बालाजी आबाद है, बाकी बर्बाद है,

तेरे स्मरण से लख चौरासी बंधन एक पल में खो गये



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