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Kishanlal Sharma

Romance

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Kishanlal Sharma

Romance

हमसफर

हमसफर

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तेरी सूरत नही मिलती

मेरे सपनों के राजकुमार से,

फिर भी न जाने क्यू,

तेरे से पहली मुुुलाकात में,


मेरे दिल मे कुुछ हुआ था

और तूने चोरी छिपे,

मेरे दिल मे जगह बना ली

रोज़ की मुलाकातों,बातो ने

अपना रंग दिखाया और


मैं तुुुझे चाहने लगी,

तू मेंंरे खवाबो का राजकुमार नहीी

लेकिन तेरे साथ जीने का

सपना देखने लगी,


तू मेरी चाहत का मीत नही

फिर भी न जाने क्यो

दिल चाहता है,तुुुझे

हमसफर बनाने को।


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