कोरोना
कोरोना
जोश
उमंग
उत्साह से भरे
बेसब्री से
कर रहे थे
इंतज़ार
उस दिन का
जब
सात फेेेेरे लेकर
मंगेतर
पत्नी बन जाएगी,
उसके साथ
सुहागरात
और
हनीमून के
रंगीन
सपने देख रहे थे
लेकिन
अब न उमंग,जोश है
न मंगेतर को
पत्नी बनानेे की
इच्छा,
जब मास्क लगाना है
दूरी का धयान
रखना है,
शादी
दो मन का ही नहीं
दो तन का भी
मिलन है
जब
मिलन ही नही
तो
ऐसी शादी
से बेहतर है
बिनब्याहे
कम से कम
कोरोना
से तो
बचे रहेंगे!
