कहो,न कहो
कहो,न कहो
नहीं कहना चाहती
तो, मत कहो
दिल की बात, दिल मे
छुपाना चाहती हो,
तो छुपाओ
नहीं चाहती, तुम्हारा दर्द
बाहर आये,
तो मत आने दो
चाहती हो
आँसू रोकना,
जो दर्द से
बाहर आने को व्याकुल है,
रोक लो
दिल की पीड़ा
नहीं बताना चाहती, तो
मत बताओ
याद रखो
दिल में छिपे दर्द को
जुुुबा पर आने से तो,
रोक लोगी
लेकिन
आंसूओं का क्या करोगी
वो तो
बयां कर ही देते है
हाले दिल