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Dr.Deepak Shrivastava

Tragedy

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Dr.Deepak Shrivastava

Tragedy

हमसफ़र

हमसफ़र

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तुम हम एक

 राह के राही

कब बीच राह

बिछड़ गए

जीवन की

इस राह को

कब हम दोनों

बिसर गए


खाई थीं कसमे

साथ चलेंगे

फिर क्यों वो

कसमें भूल गए

देखे थे सपने

हमने मिलकर

कैसे वो सपने

टूट गए


गाये थे जो तराने

तुमने हमने

क्यों कर वो तराने

बिसर गये

जीवन के इस पथ

पर साथ चलकर

कब तुम उधर गये

हम इधर गए।


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