हमको क्या पता मोहब्बत है क्या
हमको क्या पता मोहब्बत है क्या
हमको क्या पता मोहब्बत है क्या,
हमने तो बस बेवफाई देखी ।
जिसे अपना समझा, दिल में बसाया,
वह अपना न था, दिल पर वार कर गया,
आँखों में मेरे, आँसू छोड़ गया ।
बेकार में यूँ तारीफ ना करना,
झूठी तारीफ से दिल ना बहलाना,
दिल तोड़ के लोग करते हैं बहाना,
कुछ ऐसा ही है, ये ज़ालिम ज़माना ।
हमको क्या पता मोहब्बत है क्या,
हमने तो बस बेवफाई देखी ।।
