Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Monika Sharma "mann"

Drama

4.7  

Monika Sharma "mann"

Drama

युधिष्ठिर की पीड़ा

युधिष्ठिर की पीड़ा

1 min
766


युधिष्ठिर को थी पीड़ा भारी 

स्वयं को समझ बैठे

महाभारत का अधिकारी 

न चैन आया

उन्हें कौरवों के मरणोपरांत


 देख धृतराष्ट्र को विचलित रहते

 गांधारी ने किया क्षमा  


उन्हें


परंतु बिलख - बिलख यही कहते 

हुई भूल मुझसे यह कैसे

कारण वे समझ नहीं पाते


द्रौपदी समझाती,

उनको

नकुल सहदेव गले लगाते 

परंतु फिर भी युधिष्ठिर संताप के

तालाब से बाहर निकल नहीं पाते 


बोया जो है यहीं तो काटा जाएगा 

खाली हाथ आया मनुष्य

खाली हाथ ही जाएगा 


श्री कृष्ण कहे युधिष्ठिर से

उनकी भी बात

समझ नहीं पाते हैं 

हृदय डूबा घोर अंधेरे में 

खुद को एक कोने में पाते हैं


युधिष्ठिर कहते भाइयों से,

मैं सन्यास ले लेता हूं 

‌राज्य और प्रजा को

तुम्हारे हवाले करता हूं

‌भीष्म पितामह समझाते उनको 

‌तुम ऐसा न व्यवहार करो 

‌‌महाभारत के युद्ध में समर्पित

‌लोगों का न संताप करो,


‌सबके समर्पण का

ऋण तुम्हें चुकाना होगा‌

‌ है युधिष्ठिर अब तुम्हें

राज्य अपनाना होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama