हमें देशभक्ति का फर्ज बताने को
हमें देशभक्ति का फर्ज बताने को
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ये स्वतंत्रता वीर भगतसिंह, चंद्रशेखर, सुभाषचन्द्र की निशानी है
साढ़े तीन सौ सालों के संघर्ष,बलिदान की कहती कहानी है
स्वतंत्रता का पर्व,नील गगन में लहराता अपना तिरंगा
धर्मनिरपेक्ष संप्रभु,गणतंत्रात्मक,स्वतंत्र भारत की निशानी है1
तिरंगे की आन,बान,शान में कितने शीश कटाये हैं
माँ भारती की रक्षा खातिर,सीने में कितने गोली खाये हैं
हुआ है लतपथ जमीं माँ तेरे लालों के खून लाल से
हँसकर सूली चढ़े,वीर योद्धाओं ने इंकलाब,वंदेमातरम गाये हैं 2
भगतसिंह,सुखदेव,राजगुरु झूल गए फाँसी भारत स्वतंत्र कराने को
रानी लक्ष्मीबाई ने तलवार उठाई माँ भारती का गौरव बढ़ाने को
शहीद हुए माँ भारती के लाखों लाल, देश से दुश्मन भगाने को
ऊंचे गगन में तिरंगा फहरता रहे, हमें देशभक्ति का फर्ज बताने को।3