******** हमारी मेट्रो ******
******** हमारी मेट्रो ******
भुक भुक करता भाप का इंजन छुक-छुक करती रेलगाडी दिल थाम लो नगरवासियो अब आई मेट्रो कि बारी
मेट्रो का आगमन कर देगा प्रफुल्लीत जन जन का मन इसके निर्माण में लगेगी, करोडो की लागत
लेकिन इसके आने पर होगी, समय व धन की बचत
इसे बनाने में हुआ हैं, आवागमन अस्त-व्यस्त
वही दुसरी तरफ उबङ -खाबङ सडकों और गडढो ने कर दि हैं हालत पस्त
इस प्रक्रिया में मजदूरों ने किया हैं, रात -दिन अथक श्रम उनके इस अभियान में अपने धैर्य का परिचय देते हुए हम भी बढायेंगे अपना पहला कदम। लंबी सडके, बडे बडे पूल व इमारते आलीशान मजदूर ही तो करता हैं इनका निर्माण।
संघर्ष के बाद ही सफलता का द्वार खुलता हैं। जिन देशो ने मुसीबते उठाई हैं, उन्ही ने आज इसकीसुविधा पाई हैं।कल उनकी बारी, हमारी बारी हैं आज संघर्ष तो करना ही पडेगा, तभी तो मिल पायेगा नागपुर को मेट्रो सिटी का सरताज।