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Raashi Shah

Inspirational

5.0  

Raashi Shah

Inspirational

हम सब एक है

हम सब एक है

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पुत्र एवं पुत्री ने लिया है,

माँ की कोख से ही जन्म​,

फिर क्यों हो सकते है बेटे,

गर्व की बात,

और बेटियाँ,

जैसे कोई शर्म​।


जो चल सकते है एक साथ​,

हो सकते है, जोड़ीदार​,

क्यों खड़ी की ग​ई थी उनके बीच​,

लिंग-पक्षपात की दीवार​?

आज वे दोनों,

आगे बढ़ चुके है,

उन विचारों की दीवार को,

तोड़ चुके है।


हर क्षेत्र में दिखे यह साथ​,

चलते है,

डाले हाथों-में-हाथ​।

व्यवसाय एवं गृहकार्य संभालने में,

दोनो

ं-ही सक्षम हैं,

यदि ये साथ मिल जाए,

तो ऐसा कोई कार्य नहीं,

जिसके लिए वे अक्षम हैं।

यदि ये दुनिया,

आज आगे है बढ़ी,

तो इन​-ही के बलबूते पर​,

क्योंकि ये नहीं हैं किसी पर निर्भर​,

आज सफल खड़े है,

अपने पैरों पर​।


क्षमताएँ एवं अधिकार​,

है हम सबके,

एक समान​,

हम ही तो है,

इस दुनिया की शान​।

इसलिए कहा जाता है-

‘स्त्री एवं पुरुष​,

जीवन-रूपी बैलगाड़ी के दो पहिए है,

एक के बिना भी,

उसे चलाना असंभव है।’


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