हम परदेसी हैं
हम परदेसी हैं
हम परदेसी हैं क्या करें हमारे पास मजबूरियां होती हैं
दूर है बहुत मजबूर भी तुझे याद भी करते है
तेरी बातें भी करते हैं बिन तेरे जीना मुश्किल सा लगता है
अब तो तेरी यादों में ही वक्त गुजरता है मेरा अब बहाने ढूंढा करता हूं
कब आऊं किस बहाने आऊं तुझसे मिलने सब कुछ है यहां
पर फिर भी न जाने क्यों कुछ अधूरा सा लगता है
तेरे बेगर खैर चल मिलता हूं हम परदेसी हैं छोड़ कर चले जाना आदत है हमारी
पर हम किसी के दिल तोड कर नहीं जाते हम जिसके हो जाते हम उसके हमेशा के लिए हो जाते।।

