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Dravin Kumar CHAUHAN

Comedy Tragedy Others

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Dravin Kumar CHAUHAN

Comedy Tragedy Others

हम कौन हैं कहां है

हम कौन हैं कहां है

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हम कौन हैं कहां है हम अपने 

आने वाली नई पीढ़ी को क्या दे 

रहे हैं स्टैंड अप कॉमेडी के नाम 

पर हम क्या बोल रहे हैं क्या कर 

रहे हैं हम किस हद तक गिर चुके

 हैं कि जो बातें चार दिवारी के 

अंदर करने में भी शरमाते हैं वह 

कॉमेडी के नाम पर सरेआम बड़ी 

उत्साह के साथ कह रहे हैं आपने

 आने वाली नई पीढ़ी को हम 

क्या यही सौंप रहे हैं हम खुद 

सभ्य बन रहे हैं और हमारे शब्द 

हमारे सभ्यता की की चार दिवारी

 पर कर रही है हम आने वाली 

नई नस्ल को सभ्यता संस्कार के 

नाम पर क्या यही सब गंदी बातें 

सौंप रहे हैं लज्जा हाय और 

संस्कृति की महान विरासत को यूं

 चांद झूठी कामयाबी के नाम पर

 उछल रहे हैं आखिर हम कर 

क्या रहे हैं पूर्वजों की बनाई हुई 

विरासत को हम तार तार कर रहे 

हैं स्टैंड अप कॉमेडी के नाम पर हम मां-बहन भाई बाप कर रहे हैं 

चंद झूठी प्रसिद्धि के खातिर हम 

न जाने क्या-क्या कर रहे हैं लाज

 हया सब यूं लूट रहे हैं जैसे 

बरसात के मौसम की ना चाहने 

वाली वर्षा हो आप कौन हैं हम 

कहां हैं यह सब हास्य के नाम पर

 मनोरंजन के नाम पर हम पढ़े 

लिखे आधुनिक होने के बाद भी 

न जाने कहां जा रहे हैं सभ्य 

समाज जिसे जिसे गिरी हुई 

अनुचित नजर से देखती है उसे 

हम पढ़े लिखे लोग बड़े ही शौक 

से बक रहे हैं हम अपने आने 

वाले नई पीढ़ी को क्या दे रहे हैं 

सभ्यता संस्कृति संस्कारों के 

जनक हैं हम, अब हम न जाने कहां

जा रहे हैं आधुनिक बनने के 

चक्कर में हम खुद को खुद से दूर

 किया जा रहे हैं 



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