हम हैं अति महत्त्वपूर्ण
हम हैं अति महत्त्वपूर्ण
हर एक पल ही स्मृत रखें हम ,
हैं अति महत्त्वपूर्ण ही व्यक्ति।
हों आत्मनिर्भर सबके सहयोगी,
श्रम से अर्जित कर लें वह शक्ति।
विद्या पा पर सदा विवाद से बचकर,
हम अर्जन धन का करें ईमानदारी से।
होगा यह मुश्किल पर है न असंभव,
बच के रहना अहंकार रूपी बीमारी से।
स्वार्थ त्याग मानें जग को कुटुम्ब हम,
परिजन अखिल विश्व का है हर व्यक्ति।
हों आत्मनिर्भर सबके सहयोगी,
श्रम से अर्जित कर लें वह शक्ति।
निज शक्ति से करें परमार्थ सदा हम,
परायेपन का मन का भेद मिटाकर।
नहीं करें प्रतीक्षा किसी आमंत्रण की,
बन जाएं सहायक हम खुद ही जाकर।
शक्ति जागृत करना ही होगा श्रेयस्कर,
साहस संकल्प की देकर के अभिव्यक्ति।
हों आत्मनिर्भर सबके सहयोगी,
श्रम से अर्जित कर लें वह शक्ति।
धैर्य धार सब भय भ्रम का मिटाकर,
सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत करना है ।
दृढ़ संकल्प के संग सन्मार्गी बनकर,
वसुधा पर सार्थक आगमन करना है।
निज आत्मबल जो रहे सदा ही उन्नत,
तो बनतीं हैं सहायक भी दैविक शक्ति।
हों आत्मनिर्भर सबके सहयोगी,
श्रम से अर्जित कर लें वह शक्ति।