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sadhna Parmar

Tragedy Crime Thriller

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sadhna Parmar

Tragedy Crime Thriller

हम गलत नहीं थे

हम गलत नहीं थे

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वक़्त के आगे किसकी चली ?

ना हमारी चली ना तुम्हारी चली, 


चलो जाने दो वक़्त हीं था ना, 

जो बीत गया उसे क्या सिकवा,


सबका अपना वक़्त आता है,

कल मेरा था आज तुम्हारा है,


लेकिन हम कल भी गलत नहीं, 

और हम आज भी गलत नहीं है,


हाँ,बस आज-कल अपना, 

वक़्त कुछ गलत चल रहा हे।


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