हम दोनों
हम दोनों
हम दोनों नदिया के तीरे
मध्य हमारे अविरल धारा
अलग अलग अपनी दुनिया पर
अनाद्यनंत रहे साथ हमारा
अलग अलग अपनी राहें हैं
अपनी अपनी जिम्मेदारी
अपनी खुशियां, अपने दुःख हैं
फिर भी अपनी साझेदारी
कभी कोई पर्ण मेरे तट से
तेरे तट तक बह जाता है
अनकही बातों को मेरी
कान में तेरे कह जाता है
और कभी हवा का झोंका
तेरे तट से आ जाता है
तेरी श्वासों की खुशबू से
मेरा तट महका जाता है.

