हल्की सी याद
हल्की सी याद
एक हल्की सी याद ज़हन में, था मेरा भी घोंसला यहाँ
तोड़ा तार-तार आँधी ने, हुआ था मिट्टी प्लीद हौसला यहाँ
यादों पे साया बादलों ने किया, हुई तस्वीर धुंधली सी
था उकेरा मैंने जिसे हाथों से, है आज एकल उंगली सी
ऐ कान्हा, रख दो पलकों तले एक तस्वीर पुरानी
बहती हो हरेक रंग जिसके मुझे बयान करती कहानी।