हकदार
हकदार
तुमहारी खुशियों का हिस्सेदार नहीं ।
मुझे तुम्हारे गमों का साझेदार बनना है।।
तुमहारे उन खाली तनहां लम्हों का मुझे हकदार बनना है।।
तुम जी लो तुम्हारे उन छ: दिनों को ,
पर मुझे तुम्हारा वो सूकन भरा इतवार बनना है।।
तुमहारी मन्जिल तक पहुच सकूं, इसकी मुझे चाहत नहीं।
पर मन्जिल को पाने मे, तुम्हारे अकेले सफर का, मुझे हमसफर बनना है.....

