हिसाब
हिसाब




कभी-कभी कुछ लोगों के
हिसाब से रिश्ते होते हैं और
कभी-कभी रिश्तो में भी
हिसाब रखा जाता है
कुछ लोगों का हिसाब
मैंने वक्त के हाथ में रखा है
सुना है वह तमाचे खूब
कस कर जड़ता है
बता दे जरा तू भी मुझे कि,
तेरे हिसाब से चलूँ या मेरे हिसाब से
समझा दे कोई मुझे कुछ
मेरी जिंदगी की किताब से
चलो अब तुम भी अपना
हिसाब कर ही डालो कि
आखिर किस मोड़ पर
मुझे छोड़कर जाना चाहते हो
मेरे अपनों को भी भड़काकर
मेरे ही खिलाफ किया गया
बुरे वक्त में कुछ इस तरह से
मेरा हिसाब किया गया
जो खंजर पीठ पर लगा है
उसका खुदा भी एहसास करेगा
देख लेना आज नहीं तो कल
वो जरूर हिसाब करेगा!