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Antariksha Saha

Tragedy

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Antariksha Saha

Tragedy

हिंदुस्तान

हिंदुस्तान

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जो हल जोते फसल उगाये उसे 

उसकी कीमत नहीं मिलती

जो मजदूर उत्पाद बनाय

उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।


भूख और लाचारी का ऐसा आलम है

अब जान सस्ती है रोटी नहीं

जात और धर्म का ऐसा टॉनिक

खिलाया जाता है

कि किसी बच्ची या कोई

व्यक्ति मौत में धर्म नज़र आता है।


महात्मा को मारने वाले की

पूजा करने वाले

उन्ही के नाम पर डींगे हाँकते हैं

देश में बेरोज़गार बढ़ रहे हैं

पर नेताओं के आम खाने के

तरीके सुर्खियां बटोरते हैं।


व्यक्ति के क्रय क्षमता

कम होने की वजह से

कारखाने बंद हो रहे हैं

अविव्यक्ति की स्वतंत्रता दाव पर है

देश प्रेम के दिखावे में

जेट प्लेन को निम्बू मिर्ची का

चोखा लगाना पड़ रहा है।


कवि हूँ प्यार और वेदना की

सिर्फ नहीं लिख सकता हूँ

मेरा देश जल रहा है और

देश को पाकिस्तान से सिर्फ नहीं

यह अंदर से टूट रहा है।


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