हिंदी
हिंदी
हिंदी हमारी भाषा है , अभिव्यक्ति है,
हमारा भाव है, करोड़ों की अभिलाषा है।
शब्दों का मधुर श्रृंगार है,
ये भाषा नहीं, एक चमत्कार हैं।
क्रांति की ज्वाला इसी ने जलाई,
इंकलाब का माध्यम बन के यही आई।
खून हिंदी उद्घोषों से ही खोला था,
बच्चा-बच्चा "वन्दे मातरम्" बोला था।
भगतसिंह ने हिन्दी में ही बोला था,
"मेरा रंग दे बसंती चोला"।
अत्याचार तो सदियों से हो रहे थे परन्तु,
हम भाषा के माध्यम से ही तो एकजुट हो रहे थे।
वो गुलामी की रात बहुत काली थी,
जो बलिदान हुई, वो जवानी बहुत मतवाली थी।
एक आशा थी, कि होगा एक भारत देश,
एक भाषा थी, जिसने मिटाये सारे द्वेष।