"हिन्दी जग से न्यारी"।
"हिन्दी जग से न्यारी"।
हिन्दी जग से न्यारी, लगती बहुत प्यारी।
सबको जोड़ कर रखती, आमजन को भायी।
आमजन को भायी, विनोबा करें बड़ाई।
महर्षि दयानंद ने, दक्षिण से धूम मचाई।
महात्मा गांधी ने, कही माथे की बिन्दी।
गूंज उठे सब ओर, हमारी प्यारी हिन्दी।