हिन्दी हमारा मान
हिन्दी हमारा मान
कुछ खट्टी, कुछ मीठी सी
कुछ तीखी कुछ नमकीन सी
इसके शब्दों में मिठास
मिश्री की डली सी
कानों मे पड़ती रस की फुहार
हिन्दी जन -जन को जोड़ती
महापुरुषों के मुख की वाणी
विवेकानंद की धाक है हिन्दी
सरल, सहज भाव है हिन्दी
विकास की भाषा हिन्दी
अभिव्यक्ति की भाषा हिन्दी
अनुवाद की भाषा हिन्दी
ये हमारी भाग्य विधाता
भारतीय संस्कृति की वाहक
भारत की संस्कृति की पहचान
हमारी मूल जड़ है हिन्दी
ये है हमारा अस्तित्व
मेरे कलम की धार है हिन्दी
भारत के माथे की शोभा
भारत के माथे की बिन्दिया
हिन्दी मेरी मातृभाषा
है मेरी पहचान ।
