हिम्मत
हिम्मत
साथी कल भी और आज भी सूरज निकला है,
कल भी निकलेगा और सदियों से निकला है।
हिम्मत और हौसलों की ऊंचाई कौन नाप पाया है,
जब कभी जज़बात लड़े बुलंदी से मुकाम पाया है।
उम्मीद के साये में वक्त कटता है,
मंजिल उसी की जो उद्देश्य लड़ता है।
हार तब तक नहीं जबतक सांसे जवां हैं,
जो टूटी सांस लड़े उनके कारवां जिंदा हैं।
