हे सुरदेवी
हे सुरदेवी
हे सुर देवी हमको स्वर दो,
हम गान तेरी महिमा का करें।
यह जीवन जो हमने पाया,
तेरी ही कृपा की है छाया।
अब निर्मलता इसमें भर दो,
हम गान.......
तुम ही करुणा करनी हो माँ,
तुम ही भव तारिणी हो माँ।
अब हम पर भी दृष्टि कर दो,
हम गान...........
ऐसी सद्बुद्धि ज्ञान दो माँ,
भटकें नहीं पथ से भान दो माँ ।
नित ज्ञान सुधा वृष्टि कर दो,
हम गान.......