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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

हे कृष्ण मुरारी

हे कृष्ण मुरारी

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मन रहते कृष्ण मुरारी, 

उन पर जाऊं मैं वारी,

ये मन रहता उन संग हैं, 

उन संग ये मन मधुबन हैं,


दुनिया से हारी हारी, 

कहां जाऊं बन बेचारी,

गैरों सी इस दुनिया में, 

अपने हैं कृष्ण मुरारी,


किसी का भरोसा नहीं हैं, 

मन का विश्वास कहीं हैं,

सारे विश्वास कृष्ण हैं, 

मन का विश्वास सही है।


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