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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

हे कृष्ण मुरारी मोहन.......

हे कृष्ण मुरारी मोहन.......

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हे कृष्ण मुरारी मोहन 

मैं राधा प्यारी तेरी मोहन, 

तुझ पर मैंने सब, विश्वास किया है, 

अपना सब कुछ यूँ, तुझ पर वार दिया है, 


ये मेरा समर्पण, बस तुझको अर्पण, 

कर दो कुछ ऐसा, हो जाऊँ तर्पण,

मोहन की राधा, ये गीत है आधा,

तेरे मिलने से, मिट जाए बाधा, 


मोहन की राधा, मिलने की बाधा, 

ये प्रेम है आधा, बस तेरी राधा, 

ना हो कभी ये, ये प्रेम आधा, 

बनूँ मैं मोहन, बस तेरी राधा,


बनूँ मोहन तेरी नाम की, सजूँ मोहन तेरे नाम से, 

ये जीवन तो तराना तेरा, हम तो है तेरे नाम से, 

वह दौर भी दूर नहीं मोहन, जो दौर-ए-मंजिल हमारा था, 

बिन खत की जो बातें होती, वो ही प्यार हमारा था, 


इस जीवन से और कुछ ना भाए, 

बस श्यामसुमन, मोहन को चाहे,

यही जीवन है मेरा बस, 

यही है अब जीवन की राहें।


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