हे ईश्वर
हे ईश्वर
है कैसी ये दुनिया तेरी,
है कैसी ये माया तेरी,
है कैसी ये कृपा तेरी।
बिकता है तू इन बाजारों में
मिलता है तू मंदिरों,
मस्जिदों और गिरजाघरों में,
बसता है तू कर्मो के फलों में।
तू क्यों पूजा जाता है इन पत्थरों में ?
तू क्यों मिलता बस इन धर्मो में ?
तू क्यों मिलता है बलि विधानों में ?
हे मेरे ईश्वर तू मिल इनके सत्कर्मों में
हे मेरे प्रभु तू मिल इनके दिलों के अंदर में
हे परमेश्वर तू मिल इनके
सत्यनिष्ठ सद्कर्मों में।