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Sabita Kumari

Inspirational

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Sabita Kumari

Inspirational

भारत भूमि के वीर सिपाही

भारत भूमि के वीर सिपाही

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ना जाने कितनी माँओं ने सूना किया है गोद अपना।

ना जाने कितनी बहनों ने त्याग किया है राखी अपना।

ना जाने कितनी पत्नियों ने न्योछावर किया है सिन्दूर

अपना।

ना जाने कितने पिता ने बलिदान दिया है पुत्र अपना।


हम चैन से सो सके  इसलिए वो जगे रात भर।

हम महफूज रह सके इसलिए वो रहे तैनात सीमा पर।

हम बेखौफ रह सके इसलिए, जान की बाज़ी लगाते

सरहद पर।

हमें गोलियाँ ना लगे इसलिए खाते गोली सीने पर।


माँ भारती ये लाल है तेरे इसलिए करते है अपना सर्वस्व

समर्पण तुझ पर।

माँ तेरे और लाल चैन से रह सके इसलिए ये प्राण लुटाते

सीमा पर।

माँ तेरा शीश उठा रहे इसलिए अपना शीश कटाते सरहद

पर।

माँ रहे सलामत तेरा आँचल इसलिए वर्दी की फर्ज़

निभा जाते वतन पर।


इस देश की मिट्टी को लगाके माथे पर, करते गोला

बारूद सरहद पर।

इस मातृभूमि के रक्षा की ख़ातिर झेलते गोली सीने पर।

श्रद्धा, सुमन समर्पित है उन वीरों पर, जिन्होंने निभाया 

कर्तव्य कर्मभूमि पर।

हम वीर है इसी भारत भूमि के,जिन्होंने की सवारी

शेरों की।।


है ये भारत जन्मभूमि अपना, निभा जाना तू फर्ज़ अपना।

माँ भारती का है गौरव तुझ पर, की तू गौरव है हम सब पर।

है गर्व की बात की तू लाल है उस माँ का ,

जिसने लुटाया है कलेजे का टुकड़ा हम सब पर।।



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લોગિન

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