हौसला
हौसला
बढ़े जा रहे हैं अपनी ही धुन में
हौसला है गंतव्य को छूने का
चाहत नही है कहीं भी रुकने की
ऊंचाइयों पर पहुँचने को ठाना है
इससे कम पे ये दिल...ना माना है
चाहे आ जाए सामने मुश्किलें मेरी
अब झुकेंगी नहीं ये नजरें मेरी
बस हिम्मत ना टूटे तो मुट्ठी में होगी मंजिल मेरी।