हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
हिंदी भाषा भारत में ही, सकुचाई सी रहती आप
जो अंग्रेजी बोलें समझें, पढ़े -लिखों की होती छाप
उन्नति मूल सदा निज भाषा, भारतेंदु कह गए महान
स्नेह -मान दें इसको बोलें, भारत का बढ़ जाये मान
सब विषयों के शब्दकोश हैं,अतुल ज्ञान का है भंडार
सागर सात पार भी बसती, सकल विश्व में खूब प्रचार
सब मिल के आरम्भ अब करें, हिंदी भाषा का उत्थान
प्रगति राह पर चले तभी यों, उन्नत शीश गर्व अभिमान
बलिदानों से ली आज़ादी, नहीं किसी के रहे गुलाम
अंग्रेजी का मोह न छूटा, करते उसका ही सम्मान
संस्कारित है अपनी वाणी, सरल सुभाषित अनुपम जान
तुलसी सूर कबीर जायसी, मान बढ़ाया कवि रसखान
सब मिल के आरम्भ अब करें, हिंदी भाषा का उत्थान
प्रगति राह पर चले तभी यों, उन्नत शीश गर्व अभिमान