हैप्पी पिताजी दिवस
हैप्पी पिताजी दिवस
उम्र भर वो मुझे
कंधे पर लेके चलते रहे।
बिना थके बिना कहे
सब कुछ सहते रहे ।
मेरी खुशियों से ज्यादा कीमती
कभी जिनके लिए कुछ ना रहा ।
बिना जताए जो मुझे
बेशुमार प्यार करते रहे ।
मेरी हर ख्वाहिश उनकी प्राथमिकता रही
अपने बस में जो भी है सब दिलाते रहे ।
खुद की जरूरतों पर तो जैसे ताला दे दिया
बस मेरी झोली में जो खुशियां भरते रहे ।
हां जरूरी गैरजरूरी की नसीहत देते है
अच्छे बुरे का फर्क भी बताते हैं रहे ।
अंदर है कितनी मोहोब्बत और फिक्र भरी
बस हाव भाव से ही आजतक जताते रहे ।
कभी ना शिकवा किया
की मेरी परवाह नजर नहीं आती ।
कभी उनकी मंशा नहीं रहती
मुझपर रोब जताने की ।
निरंतर एक योगी जैसे वो
अपनी साधना करता रहे ।
बिना शिकन लाए ललाट पर
वो "पिता" के सारे फर्ज करते रहे।
पिता कंजूस नहीं होते कभी
बस वो आगे का बहुत सोचते हैं ।
दौलत बचाना उनकी फितरत नहीं
उनकी दौलत तो बच्चे होते हैं ।
प्यार पर कठोरता का परदा लगाकर
वो बच्चों को बहकने नहीं देते हैं ।
मां की ममता तो दिख जाती है
पिता भी प्यार करने में कम नही होते हैं ।