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Gulab Jain

Inspirational

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Gulab Jain

Inspirational

है ज़िन्दगी एक सहरा...

है ज़िन्दगी एक सहरा...

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माना कि मेरा ज़ख़्म बहुत गहरा है |

पर ऑंसुओं पे मेरा कड़ा पहरा है |

ये हादसों का शहर है, मेरे दोस्त,

किस की ख़ातिर कौन यहां ठहरा है |

मैं सुनाता रहा जिसे दर्दे-दिल अपना,

क्या पता था कि वो पैदाइशी बहरा है |

ख़ुशियों को फ़ुर्सत कहाँ थी रुकने की,

हुजूमे-ग़म मेरे पास आके ठहरा है |

जी रहा हूँ फ़क़त तेरी याद के सहारे,

वरना ये ज़िन्दगी 'गुलाब' इक सहरा है |



सहरा = रेगिस्तान

हुजूम = भीड़

फ़क़त = केवल


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