हाथों की लकीरें
हाथों की लकीरें
ज़िंदगी हैं तेरी अमानत
ए खुदा... फिर भी कुछ ख्वाइश मेरे दिल की
तु भुला ना देना..
खाक बना कर ये तक़दीर की लकीरो से
मेरी किस्मत को रुला ना देना..
बहुत सफर थी मेरी ज़िंदगी के मझधार मैं
अब किनारो पे लाके मुझे डूबा ना देना..

